मध्य-पूर्व में एक बार फिर तनाव अपने चरम पर है। इजराइल और लेबनान के प्रतिरोधी संगठन हिजबुल्लाह के बीच चल रहे हालिया संघर्ष ने पूरे इलाक़े को हिला कर रख दिया है। यह जमीनी और हवाई संघर्ष दिन ब दिन ज़्यादा गंभीर होता जा रहा है, जहां दोनों तरफ़ से बड़े हमले हो रहे हैं। इजराइल ने हाल ही में हिजबुल्लाह के ठिकानों पर एक बड़ा ऑपरेशन शुरू किया है, और हिजबुल्लाह ने उत्तरी इजराइल में जवाबी हमले किए हैं, जिससे इस संघर्ष की अहमियत बढ़ गई है।
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इजराइल का सैन्य ऑपरेशन: हिजबुल्लाह को पस्त करने की कोशिश
इजराइल ने हिजबुल्लाह के खिलाफ़ एक बड़ा सैन्य अभियान छेड़ा है, जिसका मकसद हिजबुल्लाह की ताक़त को कमज़ोर करना और उनके ठिकानों को नष्ट करना है। इजराइल का कहना है कि यह ऑपरेशन तब तक चलेगा जब तक कि हिजबुल्लाह की सैन्य क्षमता पूरी तरह ख़त्म नहीं हो जाती। कुछ विशेषज्ञ इसे इजराइल की इलाक़े पर अपनी पकड़ को मज़बूत करने की कोशिश भी मानते हैं।
हिजबुल्लाह के जवाबी हमले
दूसरी तरफ़, हिजबुल्लाह ने भी इजराइल पर लगातार हमले किए हैं। उन्होंने उत्तरी इजराइल के हाईफा और गैलीली इलाकों में दर्जनों रॉकेट दागे, जिससे इजराइल को भारी नुक़सान हुआ। हिजबुल्लाह ने दावा किया है कि उनके लड़ाकों ने इजराइली मर्कबा टैंक को मिसाइल से निशाना बनाकर कई सैनिकों को मार गिराया। इसके अलावा, मारून अल रूस इलाके में इजराइली सैन्य काफिले पर ताबड़तोड़ हमला किया, जिससे इजराइली सेना को बड़ा नुकसान झेलना पड़ा।
लेबनान से रॉकेट हमले: उत्तरी इजराइल में तबाही
हिजबुल्लाह के जवाबी हमलों के तहत लेबनान से इजराइल पर सैकड़ों रॉकेट दागे गए। मिस गाव, हाईफा, और गैलीली इलाकों में बड़े पैमाने पर नुक़सान हुआ है। इजराइल की सरकारी एजेंसियों के मुताबिक, करीब 200 से ज्यादा रॉकेट्स दागे गए, जिससे कई हिस्सों में आग लग गई। इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को केसरिया स्थित उनके घर से सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया, जबकि अन्य मंत्रियों ने अंडरग्राउंड बंकरों में शरण ली।
हिजबुल्लाह की ताक़त: एक बड़ा चैलेंज
अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हिजबुल्लाह की सैन्य क्षमता हमास से कहीं ज़्यादा मज़बूत है। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, हिजबुल्लाह की तैयारियां और उसकी घातक क्षमताएं इस संघर्ष को और लंबा खींच सकती हैं। इजराइल को हिजबुल्लाह की इस ताक़त से निपटने में बड़ी मुश्किलें पेश आ रही हैं।
इस संघर्ष का आगे का रास्ता
इजराइल और हिजबुल्लाह का यह संघर्ष एक ऐसे नाजुक मोड़ पर है, जहां कोई भी पक्ष पीछे हटने को तैयार नहीं दिखता। इजराइल हिजबुल्लाह की सैन्य क्षमताओं को पूरी तरह खत्म करने की कोशिश में है, लेकिन हिजबुल्लाह भी इजराइल के खिलाफ़ अपना मोर्चा कायम रखे हुए है। इस संघर्ष में आने वाले दिनों में और बढ़ोतरी की आशंका है, और इससे मध्य-पूर्व में नई चुनौतियां खड़ी हो सकती हैं।
इजराइल और हिजबुल्लाह के बीच जारी यह संघर्ष पूरे इलाक़े के लिए एक गंभीर संकट का संकेत है। यह संघर्ष कई सालों से चले आ रहे राजनीतिक, धार्मिक और सामरिक मुद्दों की गहराई में छिपा हुआ है, जो अब फिर से उभर रहे हैं। आने वाले वक्त में देखना होगा कि यह संघर्ष किस दिशा में जाता है और क्या इसे रोकने के लिए कोई कूटनीतिक रास्ता अपनाया जाएगा या यह एक बड़े युद्ध में तब्दील हो जाएगा।